Skip to main content
TABLE OF CONTENTS
इतिहास सामाजिक मुद्दे 

राष्ट्रीय महिला दिवस 2024: सरोजिनी नायडू जी की जयंती

Posted on February 13, 2024 by  8587

भारत 13 फरवरी 2024 को राष्ट्रीय महिला दिवस 2024 मना रहा है। इस वर्ष राष्ट्रीय महिला दिवस, जिसे महिलाओं के लिए राष्ट्रीय दिवस के रूप में भी जाना जाता है। यह दिन भारत में इस वर्ष विशेष हो जाता है क्योंकि इस वर्ष यह दिन सरोजिनी नायडू जी की 145 वीं जयंती को चिह्नित करेगा। जैसा कि भारत में इस विशेष दिवस पर महिलाओं की उपलब्धियों का उत्सव मनायाँ जाता है। NEXT IAS का यह लेख राष्ट्रीय महिला दिवस का एक विस्तृत विवरण प्रस्तुत करता है, जिसमें इस दिन के इतिहास, महत्त्व और संबंधित जानकारी को शामिल किया गया है।

राष्ट्रीय महिला दिवस के विषय में

प्रत्येक वर्ष 13 फरवरी को भारत में राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। यह दिवस महान स्वतंत्रता सेनानी और कवयित्री, जिन्हें “भारतीय कोकिला” के नाम से भी जाना जाता है, सरोजिनी नायडू की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस दिन को भारत में राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में भी जाना जाता है, यह विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के महत्त्वपूर्ण योगदान और राष्ट्र के भाग्य को आकार देने में उनकी अपरिहार्य भूमिका को पहचानने के लिए समर्पित है। यह दिवस भारत में मौजूद लैंगिक असमानताओं और महिलाओं द्वारा सामना किए जाने वाली चुनौतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक मंच के रूप में भी कार्य करता है।

National Women’s Day 2024

सरोजिनी नायडू जी के विषय में

भारत कोकिला” के नाम से प्रसिद्ध सरोजिनी नायडू जी भारतीय इतिहास में एक स्मारकीय व्यक्तित्व हैं। कविता और राजनीतिक सक्रियता दोनों में समान रूप से निपुण, नायडू जी 20वीं सदी के शुरुआती दौर में एक प्रसिद्ध कवयित्री और एक प्रखर स्वतंत्रता सेनानी थीं।

13 फरवरी 1879 को हैदराबाद में जन्मी, सरोजिनी नायडू की साहित्यिक विरासत उन कार्यों के संग्रह द्वारा चिह्नित है, जो भारतीय संस्कृति के सार, भारत के स्वतंत्रता संग्राम की भावना और महिला अधिकारों एवं महिला सशक्तिकरण की वकालत को खूबसूरती से दर्शाते हैं। उनके समय में सम्पूर्ण भारत में फैली राष्ट्रवादी भावना और ब्रिटिश शासन से मुक्ति की बढ़ती माँग ने नायडू जी को गहराई से प्रभावित किया और उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गईं। असहयोग आंदोलन, नमक सत्याग्रह आदि जैसे कई आंदोलनों में उनकी सक्रिय भागीदारी को आज भी भारतीय इतिहास में याद किया जाता है।

महिलाओं की मुक्ति के प्रस्तावक के रूप में नायडू द्वारा निभाई गई महत्त्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए भारत सरकार ने उनकी जयंती 13 फरवरी को राष्ट्रीय महिला दिवस या भारत में राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में घोषित किया है।

भारत में राष्ट्रीय महिला दिवस की तुलना में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस

भारत में राष्ट्रीय महिला दिवस 13 फरवरी को जबकि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस विश्व स्तर पर प्रतिवर्ष 8 मार्च को मनाया जाता है। ये दोनों आयोजन निम्नलिखित आधारों पर भिन्न हैं:

राष्ट्रीय महिला दिवस (भारत)अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस
तिथि13 फरवरी8 मार्च
उत्पत्तिजहाँ तक राष्ट्रीय महिला दिवस के इतिहास की बात है तो इसकी शुरुआत सरोजिनी नायडू की जयंती के उपलक्ष्य में की गई थी।सार्वभौमिक मताधिकार और अन्य महिलाओं के अधिकारों को प्राप्त करने के लिए 20वीं सदी की शुरुआत में श्रमिक आंदोलन से आगे बढ़ीं।
अवसर / उत्सवकेवल भारत में मनाया जाता है।विश्वभर में मनाया जाता है।
उद्देश्यहालाँकि यह विभिन्न क्षेत्रों में भारतीय महिलाओं के योगदान का जश्न मनाने और उनके सामने आने वाले मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक मंच के रूप में भी कार्य करता है, यह मुख्य रूप से सरोजिनी नायडू की जयंती का प्रतीक है।महिलाओं की उपलब्धियों का उत्सव मनाने और महिलाओं के सामने आने वाली मौजूदा चुनौतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाना
थीमकोई विशिष्ट वार्षिक थीम नहीं होती। भारत में महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों और महिला सशक्तिकरण जैसी व्यापक चिंताओं पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।लैंगिक समानता के विशिष्ट पहलुओं को संबोधित करते हुए थीम प्रत्येक वर्ष परिवर्तित होती रहती है।
(अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2024 का थीम: “इंस्पायर इंक्लूजन (Inspire Inclusion)” है।

हालाँकि कुछ मामलों में भिन्नता होने के बावजूद, दोनों दिवस लैंगिक समानता के महत्त्व के बारे में जागरूकता बढ़ाते हैं और महिलाओं के योगदान को पहचानते हैं। वे महिलाओं के अधिकारों और सशक्तिकरण के विभिन्न पहलुओं पर कार्रवाई और संवाद को प्रोत्साहित करते हैं।

भारत में राष्ट्रीय महिला दिवस का उत्सव

भारत में राष्ट्रीय महिला दिवस का उत्सव पूरे देश में आधिकारिक और सार्वजनिक कार्यक्रमों द्वारा मनाया जाता है। सरकारी निकाय, शैक्षणिक संस्थान, गैर सरकारी संगठन और कॉरपोरेट संस्थाएं राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने के लिए देश भर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करती हैं। इन आयोजनों के द्वारा न केवल सरोजिनी नायडू की विरासत को याद किया जाता हैं बल्कि लैंगिक समानता प्राप्त करने और भारत में महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में चल रहे संवाद और कार्रवाई को भी प्रेरित किया जाता हैं।

यहाँ भारत में राष्ट्रीय महिला दिवस समारोह के हिस्से के रूप में होने वाले कुछ सामान्य प्रकार के कार्यक्रमों का अवलोकन दिया गया है:

  • सरकारी निकाय उन महिलाओं को सम्मानित करने के लिए पुरस्कार समारोह आयोजित करते हैं जिन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक कार्य और शासन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है।
  • सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रदर्शनियाँ जो कला, साहित्य और पारंपरिक शिल्पों में महिलाओं की उपलब्धियों को प्रदर्शित करती हैं, वे भी समारोहों का एक हिस्सा हैं।
  • शैक्षणिक संस्थान लैंगिक समानता, महिला सशक्तिकरण आदि से संबंधित विषयों पर व्याख्यान, पैनल चर्चा, निबंध और वाद-विवाद प्रतियोगिता जैसे कार्यक्रम आयोजित करते हैं।
  • सिविल सोसाइटी संगठन और महिला समूह के द्वारा घरेलू हिंसा, महिलाओं के अधिकारों आदि जैसे महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर जागरूकता अभियान संचालित किये जाते हैं।
  • कॉरपोरेट पहल में आम तौर पर महिला कर्मचारियों के लिए विशेष कार्यक्रम, महिला सशक्तिकरण परियोजनाओं को समर्थन देने पर केंद्रित CSR गतिविधियाँ आदि शामिल होती हैं।
  • सामुदायिक समारोहों में सभाएँ या अनौपचारिक वार्ताएँ शामिल होती हैं जहाँ महिलाएँ अपने अनुभव साझा करती हैं, उपलब्धियों का उत्सव मनाती हैं और अपने व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में एक-दूसरे का समर्थन करने के तरीकों पर चर्चा करती हैं।

राष्ट्रीय महिला दिवस समारोह का महत्त्व

भारत में राष्ट्रीय महिला दिवस के महत्त्व को निम्नलिखित परिप्रेक्ष्य में देखा जा सकता है:

  • यह लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण की दिशा में देश की चल रही यात्रा के प्रतिबिंब के रूप में कार्य करता है।
  • यह राजनीति और सामाजिक सुधार से लेकर विज्ञान और कला तक विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के योगदान का सम्मान करने और राष्ट्र के भाग्य को आकार देने में उनकी अपरिहार्य भूमिका को स्वीकार करने का दिन है।
  • हर क्षेत्र में महिलाओं की सफलता का उत्सव मनाने के साथ-साथ, इसका उद्देश्य लैंगिक पूर्वाग्रह के खिलाफ जागरूकता बढ़ाना है।
  • यह दिवस लैंगिक असमानता और अन्य चुनौतियों से निपटने के लिए चर्चा और निर्णायक रणनीतियों के लिए एक मंच के रूप में भी कार्य करता है जो भारत में महिलाओं की प्रगति को बाधित करती हैं।

संक्षेप में, राष्ट्रीय महिला दिवस या भारत में राष्ट्रीय महिला दिवस केवल सरोजिनी नायडू जी के जन्म का उत्सव मनाने का दिन नहीं है, बल्कि सभी भारतीय महिलाओं को उनके योगदान और बलिदानों के लिए सम्मानित करने का दिन है। यह लैंगिक समानता प्राप्त करने की दिशा में हुई प्रगति को प्रतिबिंबित करने और उन चुनौतियों का सामना करने की प्रतिबद्धता को नवीनीकृत करने का दिन है जिनका सामना भारत में महिलाएँ आज भी कर रही हैं।

राष्ट्रीय महिला दिवस पर सामान्यत: पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

भारत में राष्ट्रीय महिला दिवस कब मनाया जाता है?

भारत में राष्ट्रीय महिला दिवस प्रतिवर्ष 13 फरवरी को मनाया जाता है। यह दिन स्वतंत्रता सेनानी और 20 वीं सदी के शुरुआती दौर की प्रसिद्ध कवयित्री सरोजिनी नायडू की जयंती के रूप में मनाया जाता है।

क्या 13 फरवरी को राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है?

हाँ, 13 फरवरी को राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो सरोजिनी नायडू की जयंती के रूप में मनाया जाता है, जिनका जन्म 13 फरवरी 1879 को हुआ था।

राष्ट्रीय महिला दिवस का क्या महत्त्व है?

सरोजिनी नायडू की जयंती के साथ ही राष्ट्रीय महिला दिवस समारोह भारत की लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण प्राप्त करने की प्रतिबद्धता का प्रतिबिंब है।

हम राष्ट्रीय महिला दिवस क्यों मनाते हैं?

भारत में राष्ट्रीय महिला दिवस सरोजिनी नायडू की जयंती के रूप में मनाया जाता है। सरोजिनी नायडू को सम्मानित करने के साथ-साथ यह दिन विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के महत्त्वपूर्ण योगदान को मान्यता देने और भारत में महिलाओं द्वारा सामना की जाने वाली चुनौतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए भी कार्य करता है।

भारत में राष्ट्रीय महिला दिवस 2024 का विषय क्या है?

भारत में राष्ट्रीय महिला दिवस 2024 के समारोहों के लिए कोई विशिष्ट विषय निर्दिष्ट नहीं किया गया है।

क्या अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस राष्ट्रीय महिला दिवस से अलग है?

हाँ, भारतीय राष्ट्रीय महिला दिवस, जो प्रतिवर्ष 13 फरवरी को मनाया जाता है, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस से अलग है, जो विश्व स्तर पर प्रतिवर्ष 8 मार्च को मनाया जाता है। ये दोनों कई मायनों में भिन्न हैं जैसे उनकी उत्पत्ति, समारोहों की परिधि इत्यादि।

क्या राष्ट्रीय महिला दिवस का उत्सव केवल भारत तक सीमित है?

भारत में राष्ट्रीय महिला दिवस अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस से अलग एक कार्यक्रम है। जहाँ तक भारतीय राष्ट्रीय महिला दिवस का प्रश्न है, यह विशेष रूप से भारत में मनाया जाता है। हालाँकि, दुनिया के कई अन्य देश अपने-अपने राष्ट्रीय महिला दिवस को विशिष्ट दिनों में मनाते हैं।

राष्ट्रीय महिला दिवस अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस से कैसे भिन्न है?

ये दो अलग-अलग कार्यक्रम हैं और इन्हें अलग-अलग दिनों में मनाया जाता है। जैसे भारत में राष्ट्रीय महिला दिवस प्रतिवर्ष 13 फरवरी को मनाया जाता है, जबकि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस दुनिया भर में प्रतिवर्ष 8 मार्च को मनाया जाता है।

GS - 1
  • Other Posts